Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2024 · 1 min read

बसंत पंचमी

बसंत पंचमी
आ गए ऋतुराज बसंत चहुं ओर फैल रही स्वर्णिम आभा,
सुंदर प्राकृतिक छटा में खिली पीले पुष्पों की स्वर्ण प्रभा।
मां शारदे की पूजा का पावन अवसर है इसमें आता,
ज्ञानदायिनी देवी की कृपा से जगत उजियारा पाता।
बसंत ऋतु आते ही सुंदर सुरम्य वातावरण हुआ,
ठंडी पवन की छुअन से मन मस्तिष्क प्रसन्न हुआ।
इस ऋतु की सुंदरता में प्रेमीजन भी हर्षित हो जाते,
मधुर मिलन की आस प्यास में सुमधुर गीत संगीत गाते।
सुंदर सुगंधित फूलों की खुशबू से महक उठा जग सारा,
रंग बिरंगी तितलियों और चिड़ियों से भरा बगीचा प्यारा।
बसंत ऋतु में प्रकृति अपनी अनुपम छटा है दिखलाती,
धरती मां को सुंदर हरियाली और पुष्पों की चादर ओढ़ाती।
बसंत ऋतु की सुरम्यता सबके मन को भाती,
प्रकृति अपनी स्वर्णिम आभा से सबको हर्षाती।
बसंत के आ जाने से जीव जगत सब खिल उठे,
सम्पूर्ण जगत के अंतर्मन में हर्ष उल्लास के गुल फूटे।।
✍️ मुकेश कुमार सोनकर, रायपुर छत्तीसगढ़

2 Likes · 144 Views

You may also like these posts

नववर्ष।
नववर्ष।
Manisha Manjari
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
गीत- सभी हालात में हँसके...
गीत- सभी हालात में हँसके...
आर.एस. 'प्रीतम'
Happy World Teachers' day 5 October
Happy World Teachers' day 5 October
Rj Anand Prajapati
जब कभी हमको सोचते होंगे ।
जब कभी हमको सोचते होंगे ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
समय की पुकार
समय की पुकार
Shyam Sundar Subramanian
मेरे कॉलेज की वह लड़की
मेरे कॉलेज की वह लड़की
डॉ. एकान्त नेगी
विभाजन की विभीषिका
विभाजन की विभीषिका
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*प्रेम नगरिया*
*प्रेम नगरिया*
Shashank Mishra
उपवास
उपवास
Kanchan verma
चाय
चाय
Sangeeta Beniwal
मेरी नज्म, मेरी ग़ज़ल, यह शायरी
मेरी नज्म, मेरी ग़ज़ल, यह शायरी
VINOD CHAUHAN
ଆତ୍ମ ଦର୍ଶନ
ଆତ୍ମ ଦର୍ଶନ
Bidyadhar Mantry
बाल कविता : बादल
बाल कविता : बादल
Rajesh Kumar Arjun
गुलाम और मालिक
गुलाम और मालिक
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
समय के हाथ पर ...
समय के हाथ पर ...
sushil sarna
मैं को तुम
मैं को तुम
Dr fauzia Naseem shad
प्यार की पाठशाला
प्यार की पाठशाला
सुशील भारती
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
#आज_का_नुस्खा
#आज_का_नुस्खा
*प्रणय*
।।  अपनी ही कीमत।।
।। अपनी ही कीमत।।
Madhu Mundhra Mull
इश्क़ नहीं आसान
इश्क़ नहीं आसान
Surinder blackpen
"प्रवास"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्वास कर ले
विश्वास कर ले
संतोष बरमैया जय
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
3152.*पूर्णिका*
3152.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
*पद्म विभूषण स्वर्गीय गुलाम मुस्तफा खान साहब से दो मुलाकातें*
*पद्म विभूषण स्वर्गीय गुलाम मुस्तफा खान साहब से दो मुलाकातें*
Ravi Prakash
Modular rainwater harvesting
Modular rainwater harvesting
InRain Construction Private Limited
Loading...