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9 Feb 2024 · 1 min read

2994.*पूर्णिका*

2994.*पूर्णिका*
🌷 दुनिया कहती हालात के मारे
22 22 2212 22
दुनिया कहती हालात के मारे ।
देखो कैसे इंसान बेचारे।।
जीवन जीते जिंदा कहाँ कोई।
ना तो चमके ये चांद न सितारें ।।
आकर बदले नजरिया क्या क्या।
नजरें रखते सुंदर बस नजारे ।।
राह बने दामन थाम कर चलते।
दिल से बाजी हम जीत कर हारे ।।
बाधाओं से डर मत यहाँ खेदू।
बन ही जाते तिनके सच सहारे।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
09-02-2024शुक्रवार

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