Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2024 · 1 min read

मौन की भाषा

*बहुत बोलता रहा अभी तक
किसी ने कुछ नहीं सुना
या यूं कहिए सुनना ही नहीं चाहा
अब मैंने मौन धारण कर लिया है*

जब से मैंने मौन धारण किया
लोग हैरान और परेशान हैं
मेरा बोलना जिन्हें तनिक भी
ना भाता था ,आज मेरे
मौन से भी बैचैन हैं ।

फिर भी अब मैं खुश हूं
ना कुछ कहने का ना सुनने का गम

एक राज की बात बताऊं
अब तो मेरी खामोशी भी बोलती है

पर मौन की भाषा जो समझ
जाते है।वो ख़ास होते हैं ।
क्योंकि ?

खामोशियों में ही अक्सर
गहरे राज होते है ।
जुबाँ से ज्यादा मौन की भाषा
में कशिश होती है ।

जब तक मैं बोलता रहा
किसी ने नहीं सुना ।
कई प्रयत्न किये ,
अपनी बात समझाने
की कोशिश करता रहा
चीखा चिल्लाया गिड़ गिड़ाया
प्यार से समझाया, हँस के रो के
सारे प्रयत्न किये पर कोई समझ
ना पाया ।

पर अब मै मौन हूँ
किसी से कुछ नहीं कहता
ना कोई शिकवा ना शिकायत ।

पर अब बिन कहे सब मेरी
बात समझ जाते जाते हैं
लोग कहते हैं,कि मेरी खानोशी
बोलती है।

*अब सोचता हूँ व्यर्थ बोलता रहा
मौन में तो बोलने से भी ज्यादा
आवाज होती है*

Language: Hindi
126 Views
Books from Ritu Asooja
View all

You may also like these posts

नवरात्र में अम्बे मां
नवरात्र में अम्बे मां
Anamika Tiwari 'annpurna '
तस्वीर!
तस्वीर!
कविता झा ‘गीत’
"जिंदगी की बात अब जिंदगी कर रही"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
Vivek Ahuja
*दौलत (दोहा)*
*दौलत (दोहा)*
Rambali Mishra
..
..
*प्रणय*
सितारे  अभी  जगमगाने  लगे।
सितारे अभी जगमगाने लगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
लड़ेंगे और आगे बढ़ेंगे।
लड़ेंगे और आगे बढ़ेंगे।
Dhananjay Kumar
कल के नायक आज बनेंगे
कल के नायक आज बनेंगे
Harinarayan Tanha
*
*"माँ महागौरी"*
Shashi kala vyas
पिया - मिलन
पिया - मिलन
Kanchan Khanna
हमराही हमसफ़र मेरे,
हमराही हमसफ़र मेरे,
Radha Bablu mishra
*बचपन*
*बचपन*
Dushyant Kumar
लिखना
लिखना
पूर्वार्थ
4508.*पूर्णिका*
4508.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#वो अजनबी#
#वो अजनबी#
Madhavi Srivastava
शांति का पढ़ाया पाठ,
शांति का पढ़ाया पाठ,
Ranjeet kumar patre
न बीत गई ना बात गई
न बीत गई ना बात गई
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
"अपराध का ग्राफ"
Dr. Kishan tandon kranti
आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती।
आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
नहीं हो रहा है भरोसा उन पर!
नहीं हो रहा है भरोसा उन पर!
Jaikrishan Uniyal
रहौ मुळकता राजवण, नैणां भरौ न नीर।
रहौ मुळकता राजवण, नैणां भरौ न नीर।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मैं नाकाम सही
मैं नाकाम सही
Shekhar Chandra Mitra
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
कलियों  से बनते फूल हैँ
कलियों से बनते फूल हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कुंडलिया . . .
कुंडलिया . . .
sushil sarna
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्या, तुम प्रेम में हो
क्या, तुम प्रेम में हो
Kanchan Advaita
कुछ दोहे मनके
कुछ दोहे मनके
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
- प्रेम और बुद्धि में सामंजस्य बिठाओ -
- प्रेम और बुद्धि में सामंजस्य बिठाओ -
bharat gehlot
Loading...