Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2024 · 1 min read

विरह पीड़ा

है विरह की पीर
करुणा
स्याही बनकर गीत लिख दो
जिसमें मेरी हार हो
उसमें उनकी जीत लिख दो

भावनाएंँ अब विखंडित
हो रही मेरे हृदय में
जिसमें स्नेहिल चिर पाकर
वो खुशी से झूमती थी।
व्योम में है व्याप्त अब
बादल व्यथा वृष्टि को आतुर
जिसमें मेरी जान चंँदा बन
निशाभार घूमती थी।
है कठिन लिखना मगर
सच को तुझे स्वीकारना है।
जिससे मुझको अब घृणा है
उसको ही मनमीत लिख दो।।
है विरह की पीर
करुणा
स्याही बनकर गीत लिख दो…..2

एक कवि मन प्रेम की
अवधारणा को जानता है
और प्रियतम के हृदय को
स्नेह मंदिर मानता है।
किंतु जब आहत करे प्रियतम
कमल की पंखुरी को।
प्रेम के तृष्णित अकिंचन
भिक्षुकों के अंँजुरी को।
तब समर्पित प्रेम को लिखना
वृहद अपराध करना।
और निश्छल मन सदा
भोगे व्यथा, यह रीत लिख दो।।
है विरह की पीर
करुणा
स्याही बनकर गीत लिख दो….

एक दिन की बात फिर से
याद आई है अचानक।
जिसकी त्रासक सिसकियों से
सन्न है पावन कथानक।
उंँगलियोंँ के मध्य ऊंँगली
आत्मा को जोड़ती थी
और पलकें बंद होकर
बंँधनों को तोड़ती थी।
कल्पनाएंँ क्या पता
कैसे अभिशापित हुई अब?
मेरे उत्कर्षी सपन को
भाग्य के विपरीत लिख दो।।
विरह की पीर
करुणा
स्याही बनकर गीत लिख दो….

दीपक झा “रुद्रा”

1 Like · 79 Views

You may also like these posts

फिर तेरी याद आई , ए रफी !
फिर तेरी याद आई , ए रफी !
ओनिका सेतिया 'अनु '
बुंदेली दोहा - सुड़ी
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुक्तामणि छंद एवं मुक्तामणि कुंडल
मुक्तामणि छंद एवं मुक्तामणि कुंडल
Subhash Singhai
मुहब्बत में शायरी का होना तो लाज़मी है जनाब,
मुहब्बत में शायरी का होना तो लाज़मी है जनाब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क लगातार तार तार है l
इश्क लगातार तार तार है l
अरविन्द व्यास
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
स्त्री संयम में तब ही रहेगी जब पुरुष के भीतर शक्ति हो
स्त्री संयम में तब ही रहेगी जब पुरुष के भीतर शक्ति हो
राज वीर शर्मा
अजनबी
अजनबी
Mansi Kadam
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
शेखर सिंह
भट सिमर वाली
भट सिमर वाली
श्रीहर्ष आचार्य
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
Abhishek Soni
कुण्डलिया
कुण्डलिया
अवध किशोर 'अवधू'
एक तरफ़ा मोहब्बत
एक तरफ़ा मोहब्बत
Aman Sinha
क़तरा क़तरा कटती है जिंदगी यूँ ही
क़तरा क़तरा कटती है जिंदगी यूँ ही
Atul "Krishn"
"जीवन की अंतिम यात्रा"
Pushpraj Anant
संतान की परीक्षा में माँ की भूमिका
संतान की परीक्षा में माँ की भूमिका
Sudhir srivastava
लोग भय से मुक्त हों  ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
लोग भय से मुक्त हों ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
DrLakshman Jha Parimal
जीत सकता हूं मैं हर मकाम।
जीत सकता हूं मैं हर मकाम।
Rj Anand Prajapati
यह मेरा भारत , यह मेरा गौरव
यह मेरा भारत , यह मेरा गौरव
एकांत
जिनके बिन घर सूना सूना दिखता है।
जिनके बिन घर सूना सूना दिखता है।
सत्य कुमार प्रेमी
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्
रिश्ते वक्त से पनपते है और संवाद से पकते है पर आज कल ना रिश्
पूर्वार्थ
दिल-शिकन वादा-शिकन
दिल-शिकन वादा-शिकन
*प्रणय*
ग़ज़ल _ इस जहां में आप जैसा ।
ग़ज़ल _ इस जहां में आप जैसा ।
Neelofar Khan
युद्ध घोष
युद्ध घोष
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
" शब्द "
Dr. Kishan tandon kranti
बहुत ही सुंदर सवाल~जवाब 💯
बहुत ही सुंदर सवाल~जवाब 💯
Shubham Pandey (S P)
4673.*पूर्णिका*
4673.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आग से जल कर
आग से जल कर
हिमांशु Kulshrestha
जब-जब
जब-जब
Khajan Singh Nain
खो गए वो दिन पुराने
खो गए वो दिन पुराने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...