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डाॅ. बिपिन पाण्डेय
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28 Jan 2024 · 1 min read
दोहा
दोहा
होता जिसके शीश पर,माँ का आशीर्वाद।
तोड़ नहीं पाते उसे ,चिन्ता और विषाद।।
डाॅ.बिपिन पाण्डेय
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