Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

– उसकी कशिश मुझको उसकी और खीचती जाए –

उसकी कशिश मुझको
उसकी और खीचती जाए –
लहर -लहर लहराए झुल्फे उसकी,
नशीली आंखें मुझको घायल कर जाए,
कटार सी कमर उसकी मेरा मन हर जाए,
देखकर उसकी मासूमियत मेरा मन उदेवलित हो जाए,
चेहरे उसका चांद का टुकड़ा,
चांद भी उससे जलन कर जाए,
उसकी नशीली आंखें देखकर ,
मुझको शराब सा चढ़ जाए,
उसका आज गजब अंदाज,
मेरे मन को भाए,
उसकी कशिश मुझको उसकी और खीचती जाए,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
182 Views

You may also like these posts

"नाना पाटेकर का डायलॉग सच होता दिख रहा है"
शेखर सिंह
डर हक़ीक़त में कुछ नहीं होता ।
डर हक़ीक़त में कुछ नहीं होता ।
Dr fauzia Naseem shad
परिचर्चा (शिक्षक दिवस, 5 सितंबर पर विशेष)
परिचर्चा (शिक्षक दिवस, 5 सितंबर पर विशेष)
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आओ पास पास बैठें
आओ पास पास बैठें
surenderpal vaidya
श्रीमद भागवत कथा व्यास साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया गोरखपुर
श्रीमद भागवत कथा व्यास साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया गोरखपुर
Dr Nisha Agrawal
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
Neeraj Agarwal
"सोचिए जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित मुक्तक काव्य।
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित मुक्तक काव्य।
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
तेरी याद में
तेरी याद में
Chitra Bisht
*दही खाने के 15 अद्भुत चमत्कारी अमृतमयी फायदे...*
*दही खाने के 15 अद्भुत चमत्कारी अमृतमयी फायदे...*
Rituraj shivem verma
बेवकूफ
बेवकूफ
Tarkeshwari 'sudhi'
अधिकारों का प्रयोग करके
अधिकारों का प्रयोग करके
Kavita Chouhan
इंतजार युग बीत रहा
इंतजार युग बीत रहा
Sandeep Pande
थोड़ी है
थोड़ी है
Dr MusafiR BaithA
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
एक चंचल,बिंदास सी छवि थी वो
एक चंचल,बिंदास सी छवि थी वो
Vaishaligoel
3147.*पूर्णिका*
3147.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम (हास्य कुंडलिया)*
*शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
Shweta Soni
लेकिन मैं तो जरूर लिखता हूँ
लेकिन मैं तो जरूर लिखता हूँ
gurudeenverma198
नदी तट पर मैं आवारा....!
नदी तट पर मैं आवारा....!
VEDANTA PATEL
ग़ज़ल,,,,बच्चे शोर मचाते दिखते 🌹
ग़ज़ल,,,,बच्चे शोर मचाते दिखते 🌹
Neelofar Khan
आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी
आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी
MEENU SHARMA
#तेवरी
#तेवरी
*प्रणय*
ज्वालामुखी बुझता नहीं ....
ज्वालामुखी बुझता नहीं ....
TAMANNA BILASPURI
"अक्सर बहुत जल्दी कर देता हूंँ ll
पूर्वार्थ
मेरी माँ
मेरी माँ "हिंदी" अति आहत
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
चुल्लू भर पानी में
चुल्लू भर पानी में
Satish Srijan
Loading...