Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2024 · 1 min read

*कण-कण में भगवान हैं, कण-कण में प्रभु राम (कुंडलिया)*

कण-कण में भगवान हैं, कण-कण में प्रभु राम (कुंडलिया)
_________________________
कण-कण में भगवान हैं, कण-कण में प्रभु राम
मन के भीतर जो बसे, करिए उन्हें प्रणाम
करिए उन्हें प्रणाम, सृष्टि सब राम चलाते
कठपुतली हम लोग, जन्म ले जग से जाते
कहते रवि कविराय, पता क्या आगत का क्षण
पर्वत-देह विशाल, बिखर जाती है कण-कण
————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

265 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

पीड़ाएँ
पीड़ाएँ
Niharika Verma
जीवन के किसी भी मोड़ पर
जीवन के किसी भी मोड़ पर
Dr fauzia Naseem shad
देखा
देखा
sushil sarna
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
हम बस अपने कर्म कर रहे हैं...
Ajit Kumar "Karn"
“सब्र”
“सब्र”
Sapna Arora
.......शेखर सिंह
.......शेखर सिंह
शेखर सिंह
कच्चे मकानों में अब भी बसती है सुकून-ए-ज़िंदगी,
कच्चे मकानों में अब भी बसती है सुकून-ए-ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Interest vs interrupt
Interest vs interrupt
Rj Anand Prajapati
धर्म और कर्मकांड
धर्म और कर्मकांड
Mahender Singh
3729.💐 *पूर्णिका* 💐
3729.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सितम गुलों का न झेला जाएगा
सितम गुलों का न झेला जाएगा
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
तुमसे जो मिले तो
तुमसे जो मिले तो
हिमांशु Kulshrestha
उलझी  उलझी  सी रहे , यहाँ  वक़्त की डोर
उलझी उलझी सी रहे , यहाँ वक़्त की डोर
Dr Archana Gupta
"घर-परिवार"
Dr. Kishan tandon kranti
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
पाती
पाती
डॉक्टर रागिनी
अगर आपको किसी से कोई समस्या नहीं है तो इसमें कोई समस्या ही न
अगर आपको किसी से कोई समस्या नहीं है तो इसमें कोई समस्या ही न
Sonam Puneet Dubey
*साला-साली मानिए ,सारे गुण की खान (हास्य कुंडलिया)*
*साला-साली मानिए ,सारे गुण की खान (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तू याद कर
तू याद कर
Shekhar Chandra Mitra
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
Ragini Kumari
वैदिक काल का सत्य
वैदिक काल का सत्य
Dr. Vaishali Verma
दौड़ पैसे की
दौड़ पैसे की
Sanjay ' शून्य'
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बस हौसला करके चलना
बस हौसला करके चलना
SATPAL CHAUHAN
🙅आज का दोहा🙅
🙅आज का दोहा🙅
*प्रणय*
वक्त खराब है तो देख नहीं पा रहे लड़खड़ाना मेरा
वक्त खराब है तो देख नहीं पा रहे लड़खड़ाना मेरा
पूर्वार्थ
मैं पत्नी हूँ,पर पति का प्यार नहीं।
मैं पत्नी हूँ,पर पति का प्यार नहीं।
लक्ष्मी सिंह
प्रतियोगी छात्रों का दर्द
प्रतियोगी छात्रों का दर्द
अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं
सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं
Manisha Manjari
आईना देख
आईना देख
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Loading...