Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2024 · 1 min read

Ram

और कुछ मैं क्या पढू मैने पढ़ा है राम को।
और जपतप क्या करूं मैं जपूं श्री राम को।।
थे निभाने धर्म कुछ तो विषय बहु पढ़ने पड़े।
थे वे शिक्षा से जुड़े जीवन परीक्षा से जुड़े।।
क्यों पढूं दर्शन कोई, साहित्य लेखन क्यूं पढूं।
दे रहा जीवन था दर्शन तो अदृश्य दर्शन क्यूं पढूं।।
न राज छीन जाने से डर न वन चले जाने से डर।
न डर किसी अपनों से हो न राही अनजाने से डर।।
न छोभ कैकेई कृत्य का, न शोक दशरथ मृत्यु का।
दुःख था सिया के हरन का व दुख जटायु मृत्यु का।।
जो था बड़ों से भी बड़ा और छोटों के संग था खड़ा।
जो ऋषियों सनातन धर्म खातिर युद्ध रावण से लड़ा।।
है सत्य करुणा प्रेम जो, शबरी को खुद से जोड़ता है।
वध जो करता बालि का रावण का मद भी तोड़ता है।।
तोड़ता नही जो मर्यादा निज वचन मान जो रखता है।
सत्य प्रेम करुणा वाला वह श्री राम सभी में बसता है।।
जो है मर्यादा में रहते और जिसने श्री राम को धारा है।
मैं कसम राम कह सकता हूं उसने रावण को मारा है।।
राम एक है पर जीवन में सबके अपने अपने रावण है।
मर्यादित अपने कर्मो से,हम सबने मारे अपने रावण है।।
भूख,गरीबी, रोग, भोग, सुख, ये क्या रावण से कम है।
इनपे विजय बताओ ‘संजय’ क्या रावण वध से कम है।।

जै श्री राम

Language: Hindi
1 Like · 286 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जिंदगी की राहों मे
जिंदगी की राहों मे
रुपेश कुमार
सत्य मिलन
सत्य मिलन
Rajesh Kumar Kaurav
जिंदगी
जिंदगी
sushil sarna
धर्म युद्ध
धर्म युद्ध
Jalaj Dwivedi
सुनो
सुनो
पूर्वार्थ
गुरु चरणों की धूल*
गुरु चरणों की धूल*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हमेशा की नींद सुला दी गयी
हमेशा की नींद सुला दी गयी
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
छन्द सरसी: *जिनका कुशल प्रबन्ध*
छन्द सरसी: *जिनका कुशल प्रबन्ध*
Ashwani Kumar
3118.*पूर्णिका*
3118.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
तुम जो कहते हो प्यार लिखूं मैं,
Manoj Mahato
छोटी-सी बात यदि समझ में आ गयी,
छोटी-सी बात यदि समझ में आ गयी,
Buddha Prakash
" दफ्तरी परिवेश का मीठ्ठा व्यंग्य "
Dr Meenu Poonia
🌹हार कर भी जीत 🌹
🌹हार कर भी जीत 🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
छोड़ो नफरत और अदावट....
छोड़ो नफरत और अदावट....
डॉ.सीमा अग्रवाल
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
Lokesh Sharma
ढूंढे तुझे मेरा मन
ढूंढे तुझे मेरा मन
Dr.sima
जब सत्य प्रकाशमय हो
जब सत्य प्रकाशमय हो
Kavita Chouhan
यथार्थ से परे
यथार्थ से परे
Varun Singh Gautam
ऋषि का तन
ऋषि का तन
Kaviraag
शीर्षक:-मित्र वही है
शीर्षक:-मित्र वही है
राधेश्याम "रागी"
मेरी नन्ही परी।
मेरी नन्ही परी।
लक्ष्मी सिंह
कुण्डलिया
कुण्डलिया
अवध किशोर 'अवधू'
Khám phá J7bet và nhận phần thưởng khủng, chiến thắng ngay hôm nay!
Khám phá J7bet và nhận phần thưởng khủng, chiến thắng ngay hôm nay!
j7bet
हम सब भारतवासी हैं ...
हम सब भारतवासी हैं ...
Sunil Suman
चलो गगरिया भरने पनघट, ओ बाबू,
चलो गगरिया भरने पनघट, ओ बाबू,
पंकज परिंदा
*बेफिक्री का दौर वह ,कहाँ पिता के बाद (कुंडलिया)*
*बेफिक्री का दौर वह ,कहाँ पिता के बाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भूल चुके हैं
भूल चुके हैं
Neeraj Kumar Agarwal
G
G
*प्रणय प्रभात*
बुरा समय
बुरा समय
Dr fauzia Naseem shad
Loading...