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27 Dec 2023 · 1 min read

2865.*पूर्णिका*

2865.*पूर्णिका*
🌷 कुछ हासिल नहीं होता🌷
22 212 22
कुछ हासिल नहीं होता ।
जब काबिल नहीं होता ।।
मंजिल जिंदगी बनती।
यूं साहिल नहीं होता ।।
रहता साथ में अपना।
बस शामिल नहीं होता।।
बगियां महकती हरदम।
मन कातिल नहीं होता ।।
वक्त भी बदलते खेदू ।
सच दाखिल नहीं होता ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
27-12-2023बुधवार

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