Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Dec 2023 · 1 min read

ग़ज़ल

क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
ज़मीं से ये उठा तुझको फ़लक छत पर बिठा देंगी/1

जहां झूठा मगर है ज्ञान तो सच्चा इसे समझो
किताबों के दिलों में झाँकिए जीना सिखा देंगी/2

भरी मुट्ठी उड़ा दी ख़ाक की है ज़िंदगी ऐसी
क़िताबें हैं अमर जीवन ग़ज़ल जैसा बना देंगी/3

तुम्हारी ज़िंदगी में अहमियत ये है क़िताबों की
पढ़ोगे तो जिता देंगी भुलाओगे हरा देंगी/4

क़िताबों की कहानी है गगन जैसी ज़मीं जैसी
सितारे चाँद सूरज ये चमन सागर लुटा देंगी/5

दिखावा दंभ भूलो तुम क़िताबें भूल मत जाना
यहीं हैं जो ज़मीं बंजर में भी गुलशन खिला देंगी/6

कहे ‘प्रीतम’ बना प्रीतम क़िताबे-इश्क़ हो जाए
तेरी ये चाहतें दिल को ख़ुदा से भी मिला देंगी/7

आर. एस.’प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 66 Views
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
जिन्दगी एक अनकही दास्तान '
जिन्दगी एक अनकही दास्तान '
Karuna Bhalla
I've learned a lot this year. I learned that things don't al
I've learned a lot this year. I learned that things don't al
पूर्वार्थ
विदेह देस से ।
विदेह देस से ।
श्रीहर्ष आचार्य
कब तक सहोगी?
कब तक सहोगी?
Shekhar Chandra Mitra
घमंड
घमंड
Adha Deshwal
रात नशीली कासनी, बहका-बहका चाँद।
रात नशीली कासनी, बहका-बहका चाँद।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हर एकपल तेरी दया से माँ
हर एकपल तेरी दया से माँ
Basant Bhagawan Roy
तड़पता भी है दिल
तड़पता भी है दिल
हिमांशु Kulshrestha
सांझ
सांझ
Neeraj Agarwal
तुम्ही ने दर्द दिया है,तुम्ही दवा देना
तुम्ही ने दर्द दिया है,तुम्ही दवा देना
Ram Krishan Rastogi
विषय-दो अक्टूबर है दिन महान।
विषय-दो अक्टूबर है दिन महान।
Priya princess panwar
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे।
Manisha Manjari
हे! मां शारदे आपका क्या कहना।
हे! मां शारदे आपका क्या कहना।
Rj Anand Prajapati
मेरी कलम से बिखरी स्याही कभी गुनगुनाएंगे,
मेरी कलम से बिखरी स्याही कभी गुनगुनाएंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब तो आई शरण तिहारी
अब तो आई शरण तिहारी
Dr. Upasana Pandey
अगर किसी के साथ अन्याय होता है
अगर किसी के साथ अन्याय होता है
Sonam Puneet Dubey
गीत
गीत
Jai Prakash Srivastav
अधिकार जताना
अधिकार जताना
Dr fauzia Naseem shad
मेरा घर
मेरा घर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
- तेरी तिरछी नजर -
- तेरी तिरछी नजर -
bharat gehlot
■ नि:शुल्क सलाह।।😊
■ नि:शुल्क सलाह।।😊
*प्रणय*
*नव वर्ष (मुक्तक)*
*नव वर्ष (मुक्तक)*
Ravi Prakash
माँ नहीं है देह नश्वर
माँ नहीं है देह नश्वर
indu parashar
* प्रेम पथ पर *
* प्रेम पथ पर *
surenderpal vaidya
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
पंकज परिंदा
सफ़ेद चमड़ी और सफेद कुर्ते से
सफ़ेद चमड़ी और सफेद कुर्ते से
Harminder Kaur
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
Rajesh Kumar Arjun
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
" खुशबू "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...