Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Dec 2023 · 1 min read

आज के युग में कल की बात

आज के युग में कल की बात

सुबह सुबह उठ कर लोगो को सलाम ठोकने वाले लोग सिर्फ सामने दिखा सकता है कि वो कितना चाहत रखता है पीठ पीछे बहुत बुराई करता है शुभ प्रभात मित्रों

316 Views

You may also like these posts

दिनकर तुम शांत हो
दिनकर तुम शांत हो
भरत कुमार सोलंकी
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
Madhuyanka Raj
मुझे किसी की भी जागीर नहीं चाहिए।
मुझे किसी की भी जागीर नहीं चाहिए।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Friends 💕 forever soul connection
Friends 💕 forever soul connection
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"हाउसवाइफ"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी
जिंदगी
हिमांशु Kulshrestha
मातृशक्ति
मातृशक्ति
Sanjay ' शून्य'
👍👍
👍👍
*प्रणय*
आओ थोड़ा जी लेते हैं
आओ थोड़ा जी लेते हैं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सलीका शब्दों में नहीं
सलीका शब्दों में नहीं
उमेश बैरवा
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
4890.*पूर्णिका*
4890.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्या गुनाह था कि तुम्हें खोया है हमने
क्या गुनाह था कि तुम्हें खोया है हमने
Diwakar Mahto
कफन
कफन
Mukund Patil
वंदना
वंदना
Rajesh Kumar Kaurav
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
एक शपथ
एक शपथ
Abhishek Soni
इश्क- इबादत
इश्क- इबादत
Sandeep Pande
आईना
आईना
Sûrëkhâ
बह्र- 1222 1222 1222 1222 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन काफ़िया - सारा रदीफ़ - है
बह्र- 1222 1222 1222 1222 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन काफ़िया - सारा रदीफ़ - है
Neelam Sharma
सोलह श्रृंगार कर सजना सँवरना तेरा - डी. के. निवातिया
सोलह श्रृंगार कर सजना सँवरना तेरा - डी. के. निवातिया
डी. के. निवातिया
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
Dr Archana Gupta
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
Ashwini sharma
दिल ए तकलीफ़
दिल ए तकलीफ़
Dr fauzia Naseem shad
बेलपत्र
बेलपत्र
©️ दामिनी नारायण सिंह
मईया कि महिमा
मईया कि महिमा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध
ओंकार मिश्र
कविता
कविता
Rambali Mishra
Loading...