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14 Dec 2023 · 1 min read

सजाता हूँ मिटाता हूँ टशन सपने सदा देखूँ

सजाता हूँ मिटाता हूँ टशन सपने सदा देखूँ
बना दिल आइना मेरा समन अपने सदा देखूँ/1

किसी की आँख का आँसू कभी मैं बन नहीं सकता
चमक हर आँख में हो पर विज़न इतने सदा देखूँ/2
आर.एस. ‘प्रीतम’

शब्दार्थ- टशन- ढंग/रीति, समन- महत्व, विज़न- स्वप्न

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