Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Dec 2023 · 1 min read

****शीतल प्रभा****

धुंध में लिपटी प्रभा आई
कुहरे संग शीतलता लाई
पथ सुने तो कहीं ओस भरे
अलाव तापते लोग खड़े।

सर्द हवा ने रुख बदलाया
धरा ने नव्य रूप दिखलाया
सरसों,बथुआ,की हरियाली
गुड़हल की है रंगत निराली

नर शीतलता से आकुल हुए
सदन में ठहर व्याकुल हुए
निशी दीर्घ बेला ले आई
उज्जवला ने ली विदाई।

गेंदा,चमेली गुलाब महका
केवड़ा जासवंती संग बहका
मधुकर ने तब गुंजन सुनाई
सरोवर पे सुर्खाब दिखलाई।

फलों से लदी तरु की डाली
बैर,आँवला की छटा निराली
गाजर,सुरन, अमरूद,केले
गन्ना,सरसों,गराडू फैले।

विहग ने सुरीले गीत गाये
कलियों संग सुमन मुस्काये
गगन ने मोतियों की लड़ियाँ
चुनके वसुधा पर बिखराई।

✍️”कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक

2 Comments · 273 Views

You may also like these posts

दीवाना - सा लगता है
दीवाना - सा लगता है
Madhuyanka Raj
बहु बहु रे बयार।
बहु बहु रे बयार।
Kumar Kalhans
* राष्ट्रभाषा हिन्दी *
* राष्ट्रभाषा हिन्दी *
surenderpal vaidya
संवरना हमें भी आता है मगर,
संवरना हमें भी आता है मगर,
ओसमणी साहू 'ओश'
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
खेल खेल में छूट न जाए जीवन की ये रेल।
सत्य कुमार प्रेमी
सर्वप्रथम पिया से रंग
सर्वप्रथम पिया से रंग
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
■ सुबह-सुबह का ज्ञान।।
■ सुबह-सुबह का ज्ञान।।
*प्रणय*
मौन की भाषा
मौन की भाषा
Ritu Asooja
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हम अपने जन्मदिन ,सालगिरह और शुभ अवसर का प्रदर्शन कर देते हैं
हम अपने जन्मदिन ,सालगिरह और शुभ अवसर का प्रदर्शन कर देते हैं
DrLakshman Jha Parimal
Kharaila Vibhushan Pt. Tripurari Mishra is passes away in morning
Kharaila Vibhushan Pt. Tripurari Mishra is passes away in morning
Rj Anand Prajapati
2898.*पूर्णिका*
2898.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चौपाई - तुलसीदास
चौपाई - तुलसीदास
Sudhir srivastava
ग़ज़ल को ‘तेवरी' क्यों कहना चाहते हैं ? डॉ . सुधेश
ग़ज़ल को ‘तेवरी' क्यों कहना चाहते हैं ? डॉ . सुधेश
कवि रमेशराज
आवारग़ी भी ज़रूरी है ज़िंदगी बसर करने को,
आवारग़ी भी ज़रूरी है ज़िंदगी बसर करने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
डमरू की डम डम होगी, चारो ओर अग्नि प्रहार।
डमरू की डम डम होगी, चारो ओर अग्नि प्रहार।
श्याम सांवरा
"परखना "
Yogendra Chaturwedi
जब तक हमारे अंदर संदेह है तब तक हम विश्वास में नहीं उतर सकते
जब तक हमारे अंदर संदेह है तब तक हम विश्वास में नहीं उतर सकते
Ravikesh Jha
"सुनहरा दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
सुनो
सुनो
sheema anmol
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
अमर काव्य
अमर काव्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
- तुमसे प्यार हुआ -
- तुमसे प्यार हुआ -
bharat gehlot
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
आँगन में दीवा मुरझाया
आँगन में दीवा मुरझाया
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
"आए हैं ऋतुराज"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हाइकु: गौ बचाओं.!
हाइकु: गौ बचाओं.!
Prabhudayal Raniwal
33. घरौंदा
33. घरौंदा
Rajeev Dutta
उसने पहाड़ होना चुना था
उसने पहाड़ होना चुना था
पूर्वार्थ
Loading...