Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2023 · 2 min read

बीती ताहि बिसार दे

हमारे जीवन में बहुत सी बातें ऐसी होती हैं या घटनाएं घटती ही हैं,जिसकी स्मृति मानस पटल पर अनायास ही घूम जाती है, जिसको भूल जाना बेहतर होता है। हालांकि ये सब इतना आसान भी नहीं होता, लेकिन यादों में समेटे रहने से जीवन की खुशियां दूर से ही हमें मुंह चिढ़ाती हैं।
मेरे जीवन में ऐसे वाकयों की कमी नहीं है, जिसके बारे में सोच कर भी अपराध बोध होता है, हालांकि इसके लिए मैं संबंधित के बारे में सोचने के बजाय इतनी दूरी बनाना बेहतर मानता हूं, जैसे हमारे बीच कभी कुछ जान पहचान तक न ही न रही हो।
दो साल पहले एक वरिष्ठ शिक्षक/कवि/ साहित्यकार को मैंने एक साहित्यिक पटल पर महत्वपूर्ण पद देने की संस्तुति कर दी। संस्थापक महोदय ने उस पर अपनी स्वीकृति देते हुए मनोनयन पत्र जारी कर दिया। प्रत्युत्तर में उन महोदय ने मेरे बारे में संस्थापक जी को काफी कुछ कहा और भरमाने का प्रयास किया, यहां तक कहा कि आप श्रीवास्तव जी को सिर पर बैठा रहे हैं, जब संस्थापक जी ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें समझाया कि हम दोनों के बीच में आप कुछ न ही कहें तो ही अच्छा है,ये पद भी उन्हीं की कृपा से आप को मिला है। मैं उन्हें तब से जानता हूं,जब वे पटलों पर लगभग न के बराबर थे। हमारे संबंध पटल से इतर भी हैं, लिहाजा आप नसीहत न ही दें तो ही अच्छा है, मुझे भी इतनी अक्ल है कि कौन कैसा है, किससे संबंध कितना रखना है और कब तक रखना है।आप वरिष्ठ हैं, तो अच्छा है कि अपनी वरिष्ठता का मान सम्मान संजोकर रखें।
कुछ माह वे पदाधिकारी बने रहे और फिर पद छोड़ दिया।इस बीच में वे अपनी पूरी ताकत से मुझे नीचा दिखाने का हर संभव प्रयास करते रहे, और मुझे जानने वाले लोग उन्हें आइना दिखाते रहे, जब उनकी दाल नहीं गली तब विवश होकर थकहार कर बैठ गए। और इस तरह मौन हो गए कि आज पटलों पर कभी कभी ईद के चांद की तरह ही दिखते हैं।
आप सबको ताज्जुब होगा कि उन महोदय से केवल केवल एक बार ही आभासी बातचीत महज एक डेढ़ मिनट की ही हुई थी। लेकिन पटलों के माध्यम से मैं उन्हें जानता था।
ईश्वर उन्हें स्वस्थ सानंद रखें। लेकिन उसके बाद से वे महोदय मेरे जेहन से “बीती ताहि बिसार दे” की तर्ज पर हमेशा के लिए विलुप्त हो चुके हैं।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
2 Likes · 289 Views

You may also like these posts

सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
Shyam Sundar Subramanian
चुपचाप निकल ले बेटा
चुपचाप निकल ले बेटा
Shekhar Chandra Mitra
सब कुछ खोजने के करीब पहुंच गया इंसान बस
सब कुछ खोजने के करीब पहुंच गया इंसान बस
Ashwini sharma
मतलबी ज़माना है.
मतलबी ज़माना है.
शेखर सिंह
आँधियों से क्या गिला .....
आँधियों से क्या गिला .....
sushil sarna
आज का दिन थोड़ा और आगे बढ़ गया उसकी यादों से,,,,
आज का दिन थोड़ा और आगे बढ़ गया उसकी यादों से,,,,
Iamalpu9492
4921.*पूर्णिका*
4921.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"इस्तिफ़सार" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जब हम अपनी आंतरिक शक्ति बढ़ाकर अपनी कमजोरियों को प्रबंधित कर
जब हम अपनी आंतरिक शक्ति बढ़ाकर अपनी कमजोरियों को प्रबंधित कर
ललकार भारद्वाज
हे माँ कुष्मांडा
हे माँ कुष्मांडा
रुपेश कुमार
*प्रेम का सिखला रहा, मधु पाठ आज वसंत है(गीत)*
*प्रेम का सिखला रहा, मधु पाठ आज वसंत है(गीत)*
Ravi Prakash
वो चिट्ठी
वो चिट्ठी
C S Santoshi
कहीं न कहीं
कहीं न कहीं
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
डी. के. निवातिया
ऋतु बसंत
ऋतु बसंत
Karuna Goswami
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
VEDANTA PATEL
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
ruby kumari
सोना बन..., रे आलू..!
सोना बन..., रे आलू..!
पंकज परिंदा
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Temple of Raam
Temple of Raam
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
" विवेक "
Dr. Kishan tandon kranti
तेरी याद ......
तेरी याद ......
sushil yadav
मैं चाहता हूं इस बड़ी सी जिन्दगानी में,
मैं चाहता हूं इस बड़ी सी जिन्दगानी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बाल मज़दूरी
बाल मज़दूरी
Mandar Gangal
बादल  की  तरह आते हो ,
बादल की तरह आते हो ,
Neelofar Khan
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
बादलों को आज आने दीजिए।
बादलों को आज आने दीजिए।
surenderpal vaidya
हरियाणा में हो गया
हरियाणा में हो गया
*प्रणय*
नारी भाव
नारी भाव
Dr. Vaishali Verma
Loading...