Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2023 · 1 min read

जय जगन्नाथ भगवान

शीर्षक – जय जगन्नाथ भगवान

जय जगन्नाथ भगवान मन भाव में रहते हैं।
सुभद्रा बलराम और कान्हा संग रहते हैं।
सच जय जगन्नाथ भगवान हम कहते हैं।।
जगन्नाथ पुरी नाम धाम हम पहुंच जाते हैं।
रथ यात्रा जय जगन्नाथ भगवान निकालते हैं।
खिचड़ी और अन्य पकवान कम कभी न होते हैं।
जय जगन्नाथ भगवान की महिमा अपरम्पार हैं।
जय श्री हरि नारायण नारायण हम सभी जपते हैं।
समुद्र तट के साथ फिर भी आवाज न अंदर आती हैं।
महिमा अपरम्पार जय जगन्नाथ भगवान कृपा करते हैं।
जगन्नाथ पुरी भगवान के नाम धाम का सच कहता हैं।
जय जय जय जगन्नाथ भगवान हम सभी मानते हैं।
आओ मिलकर हम जय जगन्नाथ भगवान कहते हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
1 Like · 277 Views

You may also like these posts

गफलत।
गफलत।
Amber Srivastava
चॉकलेट
चॉकलेट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
अँधेरे में नहीं दिखता
अँधेरे में नहीं दिखता
Anil Mishra Prahari
"जिराफ"
Dr. Kishan tandon kranti
सबसे सुंदर जग में अपना, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)
सबसे सुंदर जग में अपना, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)
Ravi Prakash
हरजाई
हरजाई
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मैं एक महाकाव्य बनना चाहूंगी
मैं एक महाकाव्य बनना चाहूंगी
Ritu Asooja
छंद -रामभद्र छंद
छंद -रामभद्र छंद
Sushila joshi
आंखें भी खोलनी पड़ती है साहब,
आंखें भी खोलनी पड़ती है साहब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चाबी घर की हो या दिल की
चाबी घर की हो या दिल की
शेखर सिंह
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
Swami Ganganiya
बनारस के घाटों पर रंग है चढ़ा,
बनारस के घाटों पर रंग है चढ़ा,
Sahil Ahmad
मँझधार
मँझधार
Varun Singh Gautam
..
..
*प्रणय*
इसके जैसा
इसके जैसा
Dr fauzia Naseem shad
कभी कभी लगता है की मैं भी मेरे साथ नही हू।हमेशा दिल और दिमाग
कभी कभी लगता है की मैं भी मेरे साथ नही हू।हमेशा दिल और दिमाग
Ashwini sharma
!! वो बचपन !!
!! वो बचपन !!
Akash Yadav
प्रकृति
प्रकृति
Bodhisatva kastooriya
What Was in Me?
What Was in Me?
Bindesh kumar jha
मीर की  ग़ज़ल हूँ  मैं, गालिब की हूँ  बयार भी ,
मीर की ग़ज़ल हूँ मैं, गालिब की हूँ बयार भी ,
Neelofar Khan
*सपनों का बादल*
*सपनों का बादल*
Poonam Matia
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ओसमणी साहू 'ओश'
अन-मने सूखे झाड़ से दिन.
अन-मने सूखे झाड़ से दिन.
sushil yadav
तुम्हारा मेरा रिश्ता....
तुम्हारा मेरा रिश्ता....
पूर्वार्थ
उन्हें बताएं क्या
उन्हें बताएं क्या
Jyoti Roshni
अलगाव
अलगाव
अखिलेश 'अखिल'
मन का न हुआ
मन का न हुआ
Ritesh Deo
हमको इतनी आस बहुत है
हमको इतनी आस बहुत है
Dr. Alpana Suhasini
अनजाने से .....
अनजाने से .....
sushil sarna
तुम्हे चिढ़ाए मित्र
तुम्हे चिढ़ाए मित्र
RAMESH SHARMA
Loading...