Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2023 · 3 min read

*डॉ. विश्व अवतार जैमिनी की बाल कविताओं का सौंदर्य*

डॉ. विश्व अवतार जैमिनी की बाल कविताओं का सौंदर्य
—————————————-
डॉ. विश्व अवतार जैमिनी (4 जनवरी 1940 – 9 अप्रैल 2022) द्वारा लिखित आठ बाल कविताएं मेरे समक्ष हैं। इन में चार के शीर्षक इस प्रकार हैं: तोता राजा, मछली रानी, कबूतर और बादल। यह चार कविताएं लगभग 12-12 पंक्तियों की हैं ।इस प्रकार यह छोटे बच्चों को बहुत आसानी से याद कराई जा सकती हैं । भाषा की सरलता भी उनकी विशेषता है।
इनमें एक विशेषता यह है कि जैमिनी जी ने कुछ सीख भी बच्चों को दी है उदाहरणार्थ तोता राजा कविता में तोता कहता है:

सोना चांदी मुझे न भाता
मेरा है कुदरत से नाता
जो भी मिल जाए वह खाता

हम पक्षी हैं गगन बिहारी
है स्वतंत्रता हमको प्यारी
पराधीनता है दुख भारी

इस प्रकार इस कविता में तोते को पिंजरे में कैद करने की मनुष्य की प्रवृत्ति के विरुद्ध कवि ने सशक्तता पूर्वक आवाज उठाई है।
मछली रानी भी एक सीख देने वाली कविता है। इसमें कवि ने मछली की प्रशंसा तो की है लेकिन साथ ही उसे यह भी चेताया है:-

लेकिन तुमको लाज न आती
छोटी मछली को खा जाती
मछली मछली को नहिं खाए
भय और भूख सभी मिट जाए

कबूतर कविता में बच्चों के लिए अपार आकर्षण छिपा हुआ है। कवि का कहना है :-

श्वेत श्याम और लाल कबूतर
करते खूब धमाल कबूतर

चौथी कविता बादल है। इसमें बादलों की प्रवृत्ति की प्रशंसा की गई है। अंत में कवि ने लिखा है:-

हम भी बादल से बन जाएं
सबको सुख दें, खुद हर्षाएं

इस प्रकार चारों कविताओं में बच्चों को जहां मनोरंजन प्रदान किया गया है वही प्रेरणाऍं भी निहित हैं।
बाकी चार कविताएं लंबी होने के कारण इनमें विषय-वस्तु विस्तार से कवि को समाविष्ट करने का अवसर मिला है। भारत माता के प्रति सुंदर उद्गार, नेकी का अंजाम, हमको खूब सुहाती रेल और गौरैया लंबी कविताओं में गिनी जाएंगी।
गौरैया कविता में कवि ने गौरैया की सहज प्रवृत्ति को दिखाते हुए बिल्कुल सही लिखा है :

नील गगन में उड़कर आती
शिशुओं का भोजन है लाती
चीं-चीं करते बच्चों को वह
खूब खिलाती खूब पिलाती

मां का हृदय गौरैया के रूप में सटीक कविता में व्यक्त हुआ है।
रेल सभी बच्चों को अच्छी लगती है । रेलवे प्लेटफार्म का कितना सटीक चित्रण कवि ने किया है:

कोई चना चाट ले आता
कोई गरम पकोड़े खाता
चाय गरम की आवाजों से
सोया प्लेटफार्म जग जाता

एक अन्य कविता में देशभक्ति के भावों को जगाते हुए बच्चों के मुख से कवि ने कहलाया है :

भारत माता के बच्चे हम
सीधे-साधे हैं सच्चे हम

संक्षेप में डॉ. विश्व अवतार जैमिनी की बाल कविताएं बच्चों को कुछ सीखने और प्रकृति-परिवेश के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करती हैं। भारी-भरकम साहित्य लेखन के साथ-साथ बाल मन के भीतर झांक कर कुछ लिख पाना इस बात को बताता है कि साहित्यकार के भीतर एक बालक निश्छलता के साथ सदैव चलता रहा है।
जहां तक गंभीर साहित्य के सृजन का प्रश्न है, डॉ विश्व अवतार जैमिनी ने विस्तार से अपने विचारों को आत्मकथा/ संस्मरणत्मक पुस्तक बिंदु बिंदु सिंधु में लिपिबद्ध किया है। यह वर्ष 2020 में प्रकाशित हुआ था। अपने अनेक कहानियां तथा उच्च कोटि की कविताएं लिखी हैं। इसके अतिरिक्त मुरादाबाद में महाराजा हरिशचंद्र महाविद्यालय में 1982 से 2000 तक प्राचार्य के रूप में कार्य किया। तत्पश्चात इसी विद्यालय में प्रबंधक रहे। यह सब प्रवृत्तियां आपकी साहित्य और समाज के प्रति बहु आयामी सेवाओं को प्रदर्शित कर रही हैं।
—————————————
समीक्षक: रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

360 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी
Dr.Pratibha Prakash
फितरत
फितरत
संजीवनी गुप्ता
तन्हाई
तन्हाई
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आप सबको रंगोत्सव पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएं
आप सबको रंगोत्सव पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएं
इशरत हिदायत ख़ान
Dictatorship in guise of Democracy ?
Dictatorship in guise of Democracy ?
Shyam Sundar Subramanian
संक्षिप्त वार्तालाप में
संक्षिप्त वार्तालाप में
Dr fauzia Naseem shad
हर दिन सावन
हर दिन सावन
Dr.Archannaa Mishraa
आनंद सरल स्वभाव को ही प्राप्त होता है, क्रोधी व्यक्ति तो खुश
आनंद सरल स्वभाव को ही प्राप्त होता है, क्रोधी व्यक्ति तो खुश
Ravikesh Jha
Communication is beyond texting good morning, I miss you and
Communication is beyond texting good morning, I miss you and
पूर्वार्थ
आओ गुणगान देश का गाएं
आओ गुणगान देश का गाएं
Pratibha Pandey
1. चाय
1. चाय
Rajeev Dutta
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
Shivkumar barman
#प्रेरक_आलेख-
#प्रेरक_आलेख-
*प्रणय प्रभात*
तेरी यादें भुलाने का इक तरीका बड़ा पुराना है,
तेरी यादें भुलाने का इक तरीका बड़ा पुराना है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज का युद्ध, ख़ुद के ही विरुद्ध है
आज का युद्ध, ख़ुद के ही विरुद्ध है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*फहराते भगवा ध्वजा, भारत के हम लोग (कुंडलिया)*
*फहराते भगवा ध्वजा, भारत के हम लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
Phool gufran
गीत पिरोते जाते हैं
गीत पिरोते जाते हैं
दीपक झा रुद्रा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पहला प्यार
पहला प्यार
Shekhar Chandra Mitra
इस ठग को क्या नाम दें
इस ठग को क्या नाम दें
gurudeenverma198
उल्फत का दीप
उल्फत का दीप
SHAMA PARVEEN
गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर
गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर
पंकज कुमार कर्ण
दोहा पंचक. . . . . स्वप्न
दोहा पंचक. . . . . स्वप्न
sushil sarna
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
जनता का पैसा खा रहा मंहगाई
नेताम आर सी
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
ग़म ज़दा लोगों से जाके मिलते हैं
अंसार एटवी
3783.💐 *पूर्णिका* 💐
3783.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कैसे मैं खुशियाँ पिरोऊँ ?
कैसे मैं खुशियाँ पिरोऊँ ?
Saraswati Bajpai
"एक विचार को प्रचार-प्रसार की उतनी ही आवश्यकता होती है
शेखर सिंह
Loading...