Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2023 · 1 min read

#बस एक शब्द

🕉

★ #बस एक शब्द ★

आसकिरण जन्मी शुभ-लाभ प्रथम बार मिले
उरअँचल बरसी सुगंध मन-उपवन संस्कार खिले
शाला ऊंची प्रेम की घुटने कई-कई बार छिले

चलता-चलता पथिक ठहर जाए जहाँ
वहीं चरण पूजता लक्ष्य हाँ – हाँ – हाँ . . .

वो पँछियों की पंगत घर लौटती सजन
हृदय की धड़कनें नित निज खोजतीं सजन
आँखों की पुतलियाँ सब सहेजतीं वचन

बिन छत की दीवारें कहलाएं घर कहाँ
सिसकता है सूनापन साँ – साँ – साँ . . .

पाँव नीचे धरती सिर पर गगन तना
मेरे साथ-साथ चलता पेड़ इक घना
जीवन की धूप तीखी तीखी है रे मना

बरसती है आग मेरा बचपन गया कहाँ
गोद का झूला आँचल की छाँअ-छाँअ-छाँअ . . .

टकराके पर्वतों से वो लौटती पवन
जाड़े के दिनों में आषाढ़ की तपन
हाथों के दिलासे होंठों की वो छुअन

स्मृतिवन में आती-जाती सब तितलियाँ
एक शब्द शेष रहा माँ – माँ – माँ . . . !

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
186 Views

You may also like these posts

मेरे प्यारे लोग...
मेरे प्यारे लोग...
Otteri Selvakumar
मैं हूं वही तुम्हारा मोहन
मैं हूं वही तुम्हारा मोहन
श्रीकृष्ण शुक्ल
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
डॉ. दीपक बवेजा
कदम बढ़े  मदिरा पीने  को मदिरालय द्वार खड़काया
कदम बढ़े मदिरा पीने को मदिरालय द्वार खड़काया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम (पॉंच दोहे)*
*सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
प्यार : व्यापार या इबादत
प्यार : व्यापार या इबादत
ओनिका सेतिया 'अनु '
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विरह रस
विरह रस
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अपनापन
अपनापन
Santosh kumar Miri
"कौन कहता है"
Dr. Kishan tandon kranti
अपनी आंखों को मींच लेते हैं।
अपनी आंखों को मींच लेते हैं।
Dr fauzia Naseem shad
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr. Rajeev Jain
यक्षिणी- 22
यक्षिणी- 22
Dr MusafiR BaithA
कफन
कफन
Mukund Patil
3008.*पूर्णिका*
3008.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हम उस पीढ़ी के लोग है
हम उस पीढ़ी के लोग है
Indu Singh
मां
मां
Charu Mitra
शहर या गांव: कहां रहना बेहतर
शहर या गांव: कहां रहना बेहतर
Sudhir srivastava
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
तू जाग जा
तू जाग जा
Mahender Singh
- भरत इस धर्म युद्ध में अपनो आपको अभिमन्यु सा मान -
- भरत इस धर्म युद्ध में अपनो आपको अभिमन्यु सा मान -
bharat gehlot
विषय-
विषय-"जलती रही!"
Priya princess panwar
जीवन और रोटी (नील पदम् के दोहे)
जीवन और रोटी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कोई समझ नहीं पाया है मेरे राम को
कोई समझ नहीं पाया है मेरे राम को
Aadarsh Dubey
🙅मुल्क़ में...🙅
🙅मुल्क़ में...🙅
*प्रणय*
स्मार्ट फ़ोन
स्मार्ट फ़ोन
अरशद रसूल बदायूंनी
दिवस संवार दूँ
दिवस संवार दूँ
Vivek Pandey
सोच
सोच
Neeraj Agarwal
Loading...