Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2023 · 1 min read

ग़ज़ल

कभी हक से हमें अपना कहो फिर प्यार देखो तुम
अँधेरे को उजाले में बदल दें यार देखो तुम/1

नहीं शेखी बघारेंगे करेंगे कह दिया जो भी
खिला गुलशन लिए दिल हैं कभी विस्तार देखो तुम/2

मिरे दिल की कहानी आँसुओं से पूछ लेना तुम
नहीं दर्पण से कम होगा किया इज़हार देखो तुम/3

बड़ी शिद्दत बड़ी उल्फ़त बड़ी हिक़मत लिए है दिल
उतरकर प्यार से दिल में मुहब्बत सार देखो तुम/4

दिले-अशआर अमानत कर सलामत लीजिएगा रख
मुलायम इश्क़ को जानाँ बना दिल हार देखो तुम/5

इज़ाज़त हो बहारों की कहीं से मोड़ लाऊँगा
अगर शक़ हो दिले-रुत आज़मा सौ बार देखो तुम/6

हँसे ‘प्रीतम’ मुहब्बत में जलाकर आग देखो तो
लिए बादल हूँ चाहत का बुझा दूँ धार देखो तुम/7

#आर. एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 166 Views
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

उनका सम्मान तब बढ़ जाता है जब
उनका सम्मान तब बढ़ जाता है जब
Sonam Puneet Dubey
कभी  विवादों में यूँ रहकर देखा।
कभी विवादों में यूँ रहकर देखा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*होय जो सबका मंगल*
*होय जो सबका मंगल*
Poonam Matia
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सब्जी के दाम
सब्जी के दाम
Sushil Pandey
अमित
अमित
Mamta Rani
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
Raju Gajbhiye
वो........
वो........
Dharmendra Kumar Dwivedi
"स्वतंत्रता के नाम पर कम कपड़ों में कैमरे में आ रही हैं ll
पूर्वार्थ
बेटलिंग बेगमो के इर्दगिर्द घूमती बांग्लादेश की राजनीति ✍️
बेटलिंग बेगमो के इर्दगिर्द घूमती बांग्लादेश की राजनीति ✍️
Rohit yadav
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*कलयुग*
*कलयुग*
Vaishaligoel
आशिकी
आशिकी
Phool gufran
यादगार बनाएं
यादगार बनाएं
Dr fauzia Naseem shad
"खून का रिश्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
!! सोपान !!
!! सोपान !!
Chunnu Lal Gupta
3643.💐 *पूर्णिका* 💐
3643.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*एक तथ्य*
*एक तथ्य*
*प्रणय*
गुलाम
गुलाम
Punam Pande
क्यों बदल जाते हैं लोग
क्यों बदल जाते हैं लोग
VINOD CHAUHAN
गीता हो या मानस
गीता हो या मानस
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मंजुल प्रभात
मंजुल प्रभात
Dr Nisha Agrawal
पीर
पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
करवा चौथ का चांद
करवा चौथ का चांद
मधुसूदन गौतम
*गोल- गोल*
*गोल- गोल*
Dushyant Kumar
** चिट्ठी आज न लिखता कोई **
** चिट्ठी आज न लिखता कोई **
surenderpal vaidya
एक कविता उनके लिए
एक कविता उनके लिए
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
हिंदी
हिंदी
Bodhisatva kastooriya
जाने क्या हो गया बस एक ही मुलाकात में
जाने क्या हो गया बस एक ही मुलाकात में
Jyoti Roshni
Loading...