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13 Oct 2023 · 1 min read

– अपनो का स्वार्थीपन –

-अपनो का स्वार्थीपन –
अपने देखे सपने होते मेने जब,
किया उन्होंने विश्वासघात मुझ पर जब,
पीड़ा में नही सह पाया,
आज सुधर जाएगी स्थिति और बिगड़े अपने,
इस भ्रम में सदा ही जी पाया,
पीड़ा इतनी घनघोर हुई तब,
मेने अपनो को छोड़ दिया,
उनके इस स्वार्थीपन से मेने नाता तोड दिया,
अब रहता हु में अकेला पर रहता नही उदास हु,
नही थे मेरे कभी ना कभी होंगे मेरे वे अपने जिनके मुझे आस थी,
सुधर जाए मेरे अपने ईश्वर से बस यही अरदास थी,
उनके धोखो और
विश्वासघातो ने इस कदर मुझको चीर दिया,
मेरे मनोबल को तोड़ने उन्होंने झूठ का सहारा लिया,
मुझे फसाया अपनी राजनीति में भोले – भाले को यू छला,
मेरे साथ में करेंगे दगा मेरा परिवार यू मुझसे दूर चला,
वो इस भ्रम में है की धन ,मन भरत का हमने छीन लिया ,
अब क्या गहलोत के पास वो कुत्ते की तरह दुम हिलाएगा,
पर उनको मालूम नही की,
मां शारदे की अनुकंपा भरत पर,
गहलोत अपनी पीड़ा कागज पर लिख जाएगा,
अपने साहस से इस पीड़ा को भी मात दे जाएगा,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क-7742016184

Language: Hindi
245 Views

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