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22 Oct 2023 · 2 min read

मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा, श्वेतांबरा शुचि:। महागौरी शुभ दध

मंत्र: श्वेते वृषे समारुढा, श्वेतांबरा शुचि:। महागौरी शुभ दधातु, महादेव प्रमोददाद ।।

(अर्थात श्वेत वृषभ पर विराजमान श्वेत वस्त्र वाली, महादेव की प्रसन्नता के लिए सदैव ध्यानरत माँ गौरी को नमन ।)

नवरात्रि के आठवें दिन माँ दुर्गा के अष्टम स्वरूप महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है।माँ महागौरी का अत्यंत गौर वर्ण है इसलिए उन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। एक कथा के अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी जिससे उनका शरीर काला पड़ जाता है। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव इन्हें स्वीकार करते हैं और शिव जी उनके शरीर को गंगाजल से धोते हैं तब देवी विद्युत के समान कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती है तभी से इनका नाम गौरी पड़ा। माँ महागौरी की आयु 8 वर्ष मानी गई है “अष्ट्वर्षा भवेद गौरी”। इनके वस्त्र, आभूषण आदि भी सफेद ही है इसलिए इन्हें श्वेतांबरा भी कहा जाता है। इनका वाहन वृषभ(बैल)है इस कारण से इन्हें वृषारूढा भी कहा जाता है। शंख, चंद्रमा और कुंड के सफेद फूल से उनकी तुलना की जाती है। देवी दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस पर विजय पाई थी इसलिए अष्टमी के दिन देवी दुर्गा के गौरी रूप की पूजा होती है।
अष्टमी के दिन कुलदेवी की पूजा के साथ माँ काली, भद्रकाली और महाकाली की भी आराधना की जाती है। माता महागौरी अन्नपूर्णा का रूप है। इस दिन माता अन्नपूर्णा की भी पूजा की जाती है इसलिए अष्टमी के दिन कन्या भोज और ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है। महागौरी की आराधना से सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं साथ दांपत्य जीवन, व्यापार धन और सुख समृद्धि बढ़ती है। महागौरी का ध्यान, स्मरण ,पूजन भक्तों के लिए सर्वाधिक कल्याणकारी है। अष्टमी तिथि के दिन महागौरी को नारियल या नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। भोग लगाने के बाद नारियल को प्रसाद स्वरूप भक्तों में बांट दिया जाता है। आज के दिन कन्या पूजन करते हैं, हलवा ,पूरी, काले चने का प्रसाद माता को लगाते हैं। महागौरी के पूजन से सभी नौ देवियां प्रसन्न होती हैं। इस दिन देसी घी का दीपक जलाते हुए माँ का कल्याणकारी मंत्र ‘ओम देवी महागौर्य नमः” का जाप करें और माता को लाल चुनरी अर्पित करें। इसके बाद रोली, अक्षत ,फूल ,नारियल की मिठाई आदि पूजा की चीज अर्पित करें, फिर कपूर या दीपक से माँ महागौरी की आरती करे।

हरमिंदर कौर
अमरोहा (उत्तर प्रदेश)

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