*पचपन का तन बचपन का मन, कैसे उमर बताएँ【हिंदी गजल 】*
"रिश्ते के आइने चटक रहे हैं ll
वो रूठ कर हमसे यूं चल दिए आज....!!!
खारे पानी ने भी प्यास मिटा दी है,मोहब्बत में मिला इतना गम ,
फलानी ने फलाने को फलां के साथ देखा है।
इश्क़ लिखने पढ़ने में उलझ गया,
जब तक हमें अहंकार है हम कुछ स्वीकार नहीं कर सकते, और स्वयं क
हे आदिशक्ति, हे देव माता, तुम्हीं से जग है जगत तुम्ही हो।।
ज़िंदगी कुछ भी फैसला दे दे ।
अपनी आवाज में गीत गाना तेरा