कोई भी व्यक्ति अपने आप में परिपूर्ण नहीं है,
मेरे भैया मेरे अनमोल रतन
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
ज़िंदा होना ही काफी नहीं ,
(‘गीता जयंती महोत्सव’ के उपलक्ष्य में) क्या श्रीमद्भगवद्गीता में सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है? (On the occasion of ‘Gita Jayanti Mahotsav’) Is there a solution to all the problems in Shrimadbhagvadgita?
गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।
प्यार और परवाह करने वाली बीबी मिल जाती है तब जिंदगी स्वर्ग स
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
*माँ सरस्वती सत्यधाम हैं*
- वो दुपट्टे वाली लड़की -
All of a sudden, everything feels unfair. You pour yourself
वह आदत अब मैंने छोड़ दी है
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है