सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया
गाँधी जी की अंगूठी (काव्य
वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,
घनाक्षरी छंदों के नाम , विधान ,सउदाहरण
#मणियाँ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सितम गुलों का न झेला जाएगा
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
परमपिता तेरी जय हो !
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
गीत लिखती हूं मगर शायर नहीं हूं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
यूँ ही बेमौसम बरसात हुई।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
A Letter to My Future Child