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5 Oct 2023 · 1 min read

“उड़ान”

“उड़ान”
उड़ने की चाहत, हमारी भी थी ,
बस एक कमी थी पंखों की ।
दिल चाहता है ,छूं लूं आसमां,
पर राह नही आसान है ।
न जाने कब होगी, इच्छा पूरी ,
बिन पंखों की उड़ान से।
……..✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

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