लोग आसमां की तरफ देखते हैं
वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार आ कवि पं. त्रिलोचन झा (बेतिया चम्पारण जिला )
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
जीवन में असफलता के दो मार्ग है।
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
मुझे भूल जाना
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
मन ही मन में मुस्कुराता कौन है।
कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं