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24 Sep 2023 · 1 min read

*परियों से भी प्यारी बेटी*

परियों से भी प्यारी बेटी
*********************

परियों से भी प्यारी बेटी,
खुशियाँ बांटे सारी बेटी।

जायजाद के भूखें हैँ बेटे,
पुत्रों से है न्यारी बेटी।

पापा के आंगन की बेला,
हरी भरी सी तरकारी बेटी।

कोमल उर है सुंदर नखरा,
फूलों सी फुलवारी बेटी।

नेह बाँटती भर भर प्याले,
जाऊँ सदा बलिहारी बेटी।

दो घरों में खुशियाँ भरती,
फिर भी है बेचारी बेटी।

बापू के है सिर की पगड़ी,
घर की है सरदारी बेटी।

हर दम गम में खोई-खोई,
दुख दर्द भरी दुश्वारी बेटी।

भोली भाली हैँ आचारी,
बेटों से गुणकारी बेटी।

मनसीरत जग में नर बंदर,
दानव नर से हारी बेटी।
********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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