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22 Sep 2023 · 1 min read

तन्हा -तन्हा

शख्स जो दुनिया भर में तन्हा तन्हा रहता है।
न सुनता है वो मेरे मन की,न अपनी कहता है।

कैसे मैं समझाऊं इसको,कैसे मनाऊं आखिर
बात मेरी न माने ,अपनी धुन में रहता है।

कितने आंसू,कितनी आहे,अंदर समेटे इसने
धुआं धुआं हो क्यों ‌आखिर सुलगता रहता है।

कौन दर्द दे गया इसे इतना, क्यों बिखरा है ये
बार बार चाहूं पूछना,क्यूं बिखरा सा रहता है।।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 455 Views
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