Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2023 · 1 min read

vah kaun hai?

VAH KAUN HAI HAI?

Vah kaun hai?
Vah kaun hai ?
Kahaan se aaya hai,
Jisane bhaarat maata kee raksha ke khaatir,
Pharj sada nibhaaya .

Vah kaun hai?
Jo apanee khushiyaan chhod chhodakar, Doosaron kee khushiyon ka kaaran banata hai,
Dhoop aur baarish kee paravaah bin kie,
lahoo kee holee khelata hai.

Vah kaun hai?
Jo us kadaake ke sardee mein,
Jahaan mumakin nahin hai jeena,
Par vah khada hai seena taane
Hath mein jhanda thame .

Vah kaun hai?
Jo desh ke lie ho jaata kurbaan,
Phir bhee usake naam mein sada rahatee hai jaan ,
Jisane anekon baar rakha bhaarat maata ka maan,

VAH HAI HAMAARA HERO VEER JAVAAN .
VAH HAI HAMAARA HERO VEER JAVAAN

JAY HIND ! JAY BHAARAT!

50 Likes · 213 Views

You may also like these posts

नव प्रस्तारित सवैया : भनज सवैया
नव प्रस्तारित सवैया : भनज सवैया
Sushila joshi
राष्ट्र भाषा हिंदी
राष्ट्र भाषा हिंदी
Dr.Pratibha Prakash
** राम बनऽला में एतना तऽ..**
** राम बनऽला में एतना तऽ..**
Chunnu Lal Gupta
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
पूर्वार्थ
कलकल बहती माँ नर्मदा
कलकल बहती माँ नर्मदा
मनोज कर्ण
अभिनंदन
अभिनंदन
जगदीश शर्मा सहज
कर्म
कर्म
Dhirendra Singh
छायावाद के गीतिकाव्य (पुस्तक समीक्षा)
छायावाद के गीतिकाव्य (पुस्तक समीक्षा)
गुमनाम 'बाबा'
- तुझसे दिल लगाया मेने -
- तुझसे दिल लगाया मेने -
bharat gehlot
बड़ी बेतुकी सी ज़िन्दगी हम जिये जा रहे हैं,
बड़ी बेतुकी सी ज़िन्दगी हम जिये जा रहे हैं,
Shikha Mishra
वो समुन्दर..
वो समुन्दर..
Vivek Pandey
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
मांँ
मांँ
Neelam Sharma
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
कवि रमेशराज
प्रेम
प्रेम
Ruchika Rai
*मौत मिलने को पड़ी है*
*मौत मिलने को पड़ी है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
" हकीकत "
Dr. Kishan tandon kranti
फूल
फूल
Neeraj Agarwal
वक्त लगेगा
वक्त लगेगा
Priyanshu Dixit
क्षमा अपनापन करुणा।।
क्षमा अपनापन करुणा।।
Kaushal Kishor Bhatt
मानवता के पथ पर
मानवता के पथ पर
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
रंगों को मत दीजिए,
रंगों को मत दीजिए,
sushil sarna
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय*
दोहे _ उलझे उलझे ।
दोहे _ उलझे उलझे ।
Neelofar Khan
फूल
फूल
अवध किशोर 'अवधू'
4843.*पूर्णिका*
4843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सात रंग के घोड़े (समीक्षा)
सात रंग के घोड़े (समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हिंदी साहित्य के मुस्लिम कवि: रसखान
हिंदी साहित्य के मुस्लिम कवि: रसखान
Indu Singh
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
चाँदनी रातों में बसी है ख़्वाबों का हसीं समां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेटलिंग बेगमो के इर्दगिर्द घूमती बांग्लादेश की राजनीति ✍️
बेटलिंग बेगमो के इर्दगिर्द घूमती बांग्लादेश की राजनीति ✍️
Rohit yadav
Loading...