Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
5 Sep 2024 · 1 min read

फूल

फूल
डाली डाली पर तथा , गाँठ – गाँठ पर सूल
फिर भी उनके बीच में , खिले हुए हैं फूल
खिले हुए हैं फूल , फूल हैं गंध लुटाते
जो भी जाते पास , महक सारे सुख पाते
जितना पता सींच रहा पौधे को माली
उतना मिले सुगंध उसे जो काटे डाली

Loading...