*लिखता है अपना भाग्य स्वयं, मानव खुद भाग्य विधाता है (राधेश्
तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
मोहब्बत मेरी जब यह जमाना जानेगा
बच्चा हो बड़ा हो,रिश्ता हो परिवार हो ,पैसा हो करियर हो
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
" मैं सोचूं रोज़_ होगी कब पूरी _सत्य की खोज"
उछल कूद खूब करता रहता हूं,
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
पाखंड
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स