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4 Aug 2023 · 1 min read

धीरे सदा किताब

खोलें अपने नैन की,धीरे सदा किताब ।
गिर जायेंगे अन्यथा , बसे अधूरे ख्वाब ।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 269 Views
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