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1 Aug 2023 · 1 min read

महादेव का भक्त हूँ

महादेव का भक्त हूँ,पिया हलाहल रोज।
नयनों में आँसू भरा,मुख मंडल पर ओज।

दुख ताण्डव करता रहा,रही मुसीबत साथ।
मगर शीश पर रख दिया, महादेव ने हाथ।।

भोले भाले हैं बहुत,मेरे भोले नाथ।
राह दिखाते भक्त को,सदा पकड़ कर हाथ।।

मधु घट को ठुकरा दिया,किया सदा विषपान।
हाय लिया अभिशाप खुद, बाँट दिया वरदान।।

जग के माया मोह का,तनिक नहीं है भान।
अंतरमन में रात दिन,महादेव का ध्यान।।

महादेव ने लिख दिया,खुद मेरी तकदीर।
मेरे मन में भर दिया,अपने मन की पीर।।

शिव चरणों में मिल गया,मुझे मोक्ष का द्वार।
दिव्य-लोक में आ गया,स्वर्ग-नर्क के पार।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 458 Views
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