जब मैं बिख़र रही हूँ तो कोई ना मेरे नज़दीक आना।
कलियां उनके लिए गिराना थोड़ी लाकर
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
शब्द और दबाव / मुसाफ़िर बैठा
वसंत पंचमी और माँ सरस्वती
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
Anmol Vachan Quotes ( UPSC prelims mains ):
हे दयानिधे! जरूरी नहीं, सभी आपके अनुरूप हो..
प्राण प्रतीस्था..........
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है