पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
आदमी बेकार होता जा रहा है
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
बुंदेली चौकड़िया-पानी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जीवन में कई लोग मिलते हैं, कुछ साथ रह जाते हैं, कुछ का साथ छ
Zyada sunna na tha, magar suna humne,
मैं लौट कर आऊंगा शाखाओं पर खुशबू लेकर
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ये तेरी बेवजह की बेरुखी अच्छी नहीं लगती
जीवन एक किरदार और रंग मंच सारी दुनिया
संघर्ष का अर्थ ये नही है कि
प्रेम के खातिर न जाने कितने ही टाइपिंग सीख गए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
दुनिया के चकाचौंध में मत पड़ो
सामाजिक परिवेश में, रखिए खुद को ढाल।