पर्व तीज का आ गया, नारी का त्यौहार।
*"दूसरों* की खुशी का *कारण* बनना
खुद की फ़ितरत बदल रही हूँ मैं
"प्रेम पत्रों में छली गई स्त्रियां": मार्मिक लेख
शिव माला-146
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
जिंदगी एक जंग है, ऊपर वाले ने हमें वार जोन में फेंक दिया है,
काम कम, दाम ज्यादा से ज्यादा।
देश बना एक जंगल
Fauji Munday Sohanlal Munday
तू साथ चल, रास्ते ख़ुद-ब-ख़ुद खुलेंगे,
भक्ति और इतिहास के, गूँज रहे हैं बोल ।
लड़कियों को अपनी जगह ख़ुद बनानी पड़ती है,
होंठ चुपचाप हों भले लेकिन,