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13 Jun 2023 · 1 min read

*पार्क (बाल कविता)*

पार्क (बाल कविता)
______________________
घर के पास पार्क अति प्यारा
हरा-भरा इस से जग सारा

हरी घास पर दौड़ लगाते
नेत्र-ज्योति यों रोज बढ़ाते

पार्क हमारा असली धन है
आकर यहॉं हुआ खुश मन है
_______________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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