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12 Jun 2023 · 1 min read

तुम बिन न रह पाऊंगी

तुम अगर साथ नही हो तो क्या लगता है। हम तुम्हारे बिन जी पायेंगे

चाहते तो हो तुम दूर जाना पर क्या एक दूजे को भुला पाएंगे

रातों में नींद तो आ ही जायेगी पर क्या चैन से सो पायेंगे

मन तो तुम ही ले गए तो फिर और कहा मन लगा पायेंगे

क्या लगता है हम तुम्हारे बिना जी पायेंगे
सांसे भी अटक जाती है तुम्हे देखे बिना
माना जिंदा रह लेंगे पर क्या मुर्दे से कम नजर आएंगे

सुबह से शाम केवल तुम्हारे साथ होती है। क्या लगता है मेरा बिना पहाड़ स दिन काट पाओगे

मेरी कमियों के साथ ही मुझे अपने साथ
चलने दो ना
तुममें रच बस गई हू मै फिर क्या मुझसे साथ छुड़ा पाओगे

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