Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2023 · 1 min read

सच्ची ख़ुशी

खोजता रहा मै दिन प्रतिदिन,
सच्चे सुख की परिभाषा।
जानूंगा मै राज ये एक दिन,
मन में थी अभिलाषा।

जीवन की ये कठिन पहेली,
सब मन में हैं सुलझाते।
खुद की उलझन भरी पड़ी हो,
फिर भी औरों को समझाते।

खुश होकर भी ख़ुशी न लगती,
क्या मेरे जीवन में है कमी।
चेहरे पर मुस्कान है बाकी,
फिर आँखों में क्यों है नमी।

भांति भांति के खेल तमाशे,
महफ़िल में भी जाता हूँ।
लोगों के मै बीच में बैठा,
खुद को अकेला पाता हूँ।

ऐसा क्या मै छोड़ के आया,
जिसको मै ढूँढू हर पल।
हर दिन दिल को समझाता हूँ,
देखो अच्छा होगा कल।

वो कल अब तक कभी न आया,
शायद वो न आएगा।
जो मिलना हो खुद के अंदर,
वो बाहर कंही न पायेगा।

मिले नहीं खुशियों का समंदर,
कुछ बूँद ख़ुशी की काफी हैं।
बूँद बूँद से ही सागर भरता,
और जीवन में क्या बाकी हैं।

भाग दौड़ के चक्कर में,
जो छोड़ मै पीछे जाता था।
उन्ही पलों को देख के आज,
अब मै कुछ मुस्काता था।

राज समझ में आया कुछ कुछ,
छोड़ सभी कुछ बैठ गया।
मृग तृष्णा का पीछा करना,
मैंने तब से छोड़ दिया।

Language: Hindi
2 Likes · 209 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from प्रदीप कुमार गुप्ता
View all

You may also like these posts

फिर मिलेंगें
फिर मिलेंगें
साहित्य गौरव
मुहब्बत का वास्ता
मुहब्बत का वास्ता
Shekhar Chandra Mitra
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
Ranjeet kumar patre
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी
कवि रमेशराज
बदरा कारे अब तो आ रे
बदरा कारे अब तो आ रे
अरशद रसूल बदायूंनी
3001.*पूर्णिका*
3001.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
काम
काम
Shriyansh Gupta
बिहारी बाबू
बिहारी बाबू
श्रीहर्ष आचार्य
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
Keshav kishor Kumar
“बारिश और ग़रीब की झोपड़ी”
“बारिश और ग़रीब की झोपड़ी”
Neeraj kumar Soni
इश्क ए खुदा
इश्क ए खुदा
ओनिका सेतिया 'अनु '
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
Neelam Sharma
कभी कभी
कभी कभी
surenderpal vaidya
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यादों की याद रखना
यादों की याद रखना
Dr. Rajeev Jain
सच, सच-सच बताना
सच, सच-सच बताना
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
जीवन सरल नही
जीवन सरल नही
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
"मोहब्बत का सफर"
Dr. Kishan tandon kranti
उसके आँसू
उसके आँसू
Sudhir srivastava
"नफरत"
Yogendra Chaturwedi
"कुमार्य "
Shakuntla Agarwal
कुछ न जाता सन्त का,
कुछ न जाता सन्त का,
sushil sarna
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
Ravi Prakash
..
..
*प्रणय प्रभात*
प्रकृति की पुकार
प्रकृति की पुकार
AMRESH KUMAR VERMA
करार
करार
seema sharma
कविता
कविता
Nmita Sharma
Loading...