Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 Jan 2023 · 1 min read

बेटियां

मां का गुरूर और पिता का अभिमान होती हैं बेटियां ।
क्या कहे बेटियों के बारे में।
सूने घर को आबाद करती हैं बेटियां।

चिड़ियों सा चहकती हैं और तितली सी इठलाती हैं बेटियां ।
अपनी मुस्कराहट से सबको अपना बना लेती हैं बेटियां।
घर के कोने कोने को खुशबू सा महकती हैं बेटियां
क्या कहें बेटियों के लिए ,सूने घर को आबाद करती हैं बेटियां।

मायका हो या ससुराल दोनो में घुल मिल जाती हैं बेटियां।
एक नही दोनो कुलों का मान बड़ती हैं बेटियां।
जिम्मेदारी पड़ने पर बेटी से बेटा बन जाती हैं बेटियां।
हर दुख सहकर भी जो मुस्कराए ऐसी होती है बेटियां।

मैं आप सब लोगों से एक सवाल पुछना चाहती हूं । जब बेटियां इतनी प्यारी होती हैं ।इस ज़माने भी उनके होने पर क्यों रोते हैं लोग

न बेटा बेटी बन सकता ,न बेटी बन सकती बेटा।
क्यों इन दोनों में फर्क करें, ए दोनो एक समान है।
एक अम्बर का सूरज है,तो एक अम्बर का चांद है।
रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज
लखनऊ

Loading...