Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Suryakant Dwivedi
48 Followers
Follow
Report this post
22 Dec 2022 · 1 min read
दोहा बेटी
बेटी कोमल फूल सी, है बगिया की शान
बसती उसके नेह में, बस बाबुल की जान।।
सूर्यकान्त द्विवेदी
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
Like
Share
111 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Suryakant Dwivedi
View all
सूर्यांश
Surya Kant Dwivedi
You may also like these posts
दोहा मुक्तक
sushil sarna
" नयन अभिराम आये हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
- स्नेह का बंधन -
bharat gehlot
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
Keshav kishor Kumar
जब पीड़ा से मन फटता है
पूर्वार्थ
गुज़रा हुआ वक्त
Surinder blackpen
क्या करे जनाब वक़्त ही नहीं मिला
MEENU SHARMA
"" मामेकं शरणं व्रज ""
सुनीलानंद महंत
......,,,,
शेखर सिंह
नियोजित अभिवृद्धि
Khajan Singh Nain
कभी इश्क ना करना
डॉ. एकान्त नेगी
चुनाव
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
माई कहाँ बा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"ये वक्त भी"
Dr. Kishan tandon kranti
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
विश्वास🙏
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
अतीत
"एकांत "उमेश*
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
कवि रमेशराज
संभल जाओ, करता हूँ आगाह ज़रा
Buddha Prakash
3087.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सहायता-प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में प्रबंधक की भूमिका का निर्वहन*
Ravi Prakash
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
Mahender Singh
यह तो हम है जो कि, तारीफ तुम्हारी करते हैं
gurudeenverma198
15--🌸जानेवाले 🌸
Mahima shukla
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
Swami Ganganiya
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
Kanchan Alok Malu
हास्य गीत
*प्रणय*
शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री
Harminder Kaur
*इक क़ता*,,
Neelofar Khan
आराधना
Kanchan Khanna
Loading...