Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
27 Nov 2022 · 2 min read

अनाथ भाग 1

समय- सन 2000, उत्तरप्रदेश के विभाजन से पहले, पुराना हरिद्वार

‘क्या हुआ राज़, तुम इसे मारते क्यों नही? ये तुम्हारा पहला मर्डर थोड़ी है। ‘
राज़ ने पीछे मुड़ के देखा , वहां कोई नही था।उसे फिर से वही आवाज़ सुनाई देने लगी। वह वापस मुड़ा और उस घायल आदमी को मार कर वहां से चला गया। कुछ दिनों के बाद उसके फोन पर एक मैसेज आया जिसमे एक पैकेट की खबर और एक पता लिखा हुआ था। राज़ अगले ही दिन उस एड्रेस पर पहुंच गया

‘क्या आपका नाम आमिर है?’
‘ जी हां’
‘ मुझे धीरज सर ने भेजा है। उन्हें वो पैकेट चाहिए था। ‘
‘ ओ हाँ, में अभी लाता हूँ, आप आइये अंदर बैठिये
.
.
ये लीजिये आपकी अमानत। ‘
‘ वेसे धीरज सर ने मुझे एक और काम सौंपा था। ‘
‘ कोन सा काम ? बोलिये। ‘

राज़ अपनी गन बाहर निकालता है और उसके ऊपर तान देता है और उसे नीचे बैठने के लिए कहता है।राज़ उसे मारना वाला ही होता है की इतने में कमरे से एक बच्ची के रोने की आवाज़ आती है। राज़ ने पहले उस और ध्यान नही दिया था। राज़ थोड़ी देर के लिए रुक जाता है कि तभी पीछे से वही आवाज़ सुनाई देती है
‘ क्या हुआ राज़, तुम इसे मारते क्यों नही? तुम्हे इसे मारना ही होगा। ‘

राज़ पीछे मुड़कर देखता ही है की सामने से मौका का फायदा उठाकर आमिर उसे धक्का देकर गिरा देता है और तेजी से कमरे की और भागता है। राज़ को फिर से वही आवाज़ सुनाई पड़ती है। वह बिना कुछ सोचे समझे आमिर पर गोली चला देता है और वहां से पैकेट लिए भाग जाता है।
कुछ वक्त के बाद पुलिस आती है। सारी छानबीन करने के बाद बच्ची को पुलिस अपने साथ लेजा लेती है। पड़ोसियों से पूछने पर पता चलता है कि आमिर अपनी बच्ची के साथ अकेला रहता था। पत्नी की एक साल पहले ही गुजर चुकी थी। उसके आगे पीछे भी कोई नही था। कुछ दिनों के बाद पता चलता है कि आमिर किसी बड़े गैंग का हिस्सा था और उन्ही लोगों ने इसकी जान भी ली,

‘ सर बच्ची यहां पर दो दिनों से है। इसे कोई लेने भी नही आया। आमिर का बड़े गैंग के साथ जुड़ाव होने की वजह से इसे कोई अपनाना भी नही चाहता। ‘
‘ क्या इसका नाम पता चला?’
‘हाँ सर इसका नाम ज्योत्स्ना है और ये अभी दो साल की है’
‘ ठीक है आज शाम को ही इसे अनाथालय के हवाले कर देंगे। तब तक तुम इस गैंग के बारे में और पता लगाओ। ‘
‘ ठीक है सर ‘

शिवम राव मणि

Loading...