Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2022 · 1 min read

अज़ल से प्यार करना इतना आसान है क्या /लवकुश यादव “अज़ल”

दुनिया की हर चमकती चीज चाँद है क्या,
तुम्हें खो कर वापस पाना आसान है क्या।
फिर इस दुनिया मे जन्म लेना पड़ेगा धरा पर,
अज़ल से प्यार करना इतना आसान है क्या।।

मोहब्बत की तस्बीर आंखों से ओझल हो जाये,
चेहरे की चमक धूमिल हो, तुम्हारी याद आ जाये।
एक अकेले बेवफा ही याद रखी जाए,
यार बताओ वो कोई पुरस्कार है क्या।।

तरन्नुम में ही हर गीत मेरी कलम से लिखा जाए,
अरे यार ऐसा दुनियां में कोई रिवाज है क्या।
दुनिया की हर चमकती चीज चाँद है क्या,
तुम्हें खो कर वापस पाना आसान है क्या।।

आईने को बेवफा कहने वालों गौर करो,
महफ़िल में अकेले ज़िन्दगी जीना आसान है क्या।
हर गम को खुशी में बदल लेना प्यार है क्या,
तुम्हें खो कर वापस पाना आसान है क्या।।

बेखबर को ख़बर कहाँ हाल-ए-दिल अज़ल,
उनके मेहंदी में अकेले तुम्हारा नाम है क्या।
एक अकेले बेवफा ही याद रखी जाए,
यार बताओ वो कोई पुरस्कार है क्या।।

लवकुश यादव “अज़ल”
अमेठी, उत्तर प्रदेश

3 Likes · 322 Views

You may also like these posts

4820.*पूर्णिका*
4820.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
King88 là một cổng game bài đổi thưởng uy tín, mang đến cho
King88 là một cổng game bài đổi thưởng uy tín, mang đến cho
nhacai king88
"सौदा"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे दर्द को पढ़ने की
मेरे दर्द को पढ़ने की
हिमांशु Kulshrestha
धरा प्रकृति माता का रूप
धरा प्रकृति माता का रूप
Buddha Prakash
#गजल:-
#गजल:-
*प्रणय*
धीरे-धीरे ला रहा, रंग मेरा प्रयास ।
धीरे-धीरे ला रहा, रंग मेरा प्रयास ।
sushil sarna
अफ़सोस न करो
अफ़सोस न करो
Dr fauzia Naseem shad
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हक हैं हमें भी कहने दो
हक हैं हमें भी कहने दो
SHAMA PARVEEN
मां
मां
Sûrëkhâ
मैं घर आंगन की पंछी हूं
मैं घर आंगन की पंछी हूं
करन ''केसरा''
मैं मजबूर हूँ
मैं मजबूर हूँ
सोनू हंस
अंक की कीमत
अंक की कीमत
Juhi Grover
30. चुप
30. चुप
Rajeev Dutta
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
अदाकारियां नहीं है
अदाकारियां नहीं है
Surinder blackpen
मानव अधिकार
मानव अधिकार
‌Lalita Kashyap
आश किरण
आश किरण
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
फेसबुक को पढ़ने वाले
फेसबुक को पढ़ने वाले
Vishnu Prasad 'panchotiya'
ऑन लाइन पेमेंट
ऑन लाइन पेमेंट
Satish Srijan
जीवन बिता रहे है मजदूर मुफलिसी का ।
जीवन बिता रहे है मजदूर मुफलिसी का ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
अहंकार
अहंकार
Rambali Mishra
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
प्रणय गीत
प्रणय गीत
Neelam Sharma
"सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं ....
Atul "Krishn"
- उसकी आंखों का सम्मोहन -
- उसकी आंखों का सम्मोहन -
bharat gehlot
चलना सिखाया आपने
चलना सिखाया आपने
लक्ष्मी सिंह
राम राम
राम राम
Dinesh Kumar Gangwar
जिंदगी का फ़लसफ़ा
जिंदगी का फ़लसफ़ा
मनोज कर्ण
Loading...