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29 Oct 2022 · 1 min read

ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,

ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
रुक जा …. लौट जा… ये खता न कर!
मिलेगा धोखा तुझे वफा के नाम पर,
मश्वरा है मेरा ठहर जा यहीं पर ।

दो कदम साथ चलके छोड़ गए वो हमें,
शायद मिल गया कोई हमसे अच्छा उन्हे!
काबिल नहीं थे हम उनके तो कह दिए होते,
हम खुद ही मुड़ जाते छोड़ कर उन्हें ।

जो हरदम कहते थे वफा है जिन्दा हमसे
वो उड़ गए बेवफा परिन्दा बनकर
आशिकी के जख्म हैं छुपाएँ कैसे
इश्क में पाए तौफ़े दिखाएँ कैसे?

अभिषेक पाण्डेय अभि
१४/१०/२०२२

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