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9 Oct 2022 · 1 min read

महारास!

महारास !
नभ महारास रचल!
महा आनंद भरल!!

महा लीला करत!
महा क्रीड़ा करत!!

महा आत्मा विकल!
परम आत्मा मिलन!!

मोहिनी राधा नचल!
मन मोहन नचल!!

हर प्रेयसी विकल!
हर प्रेमी मिलन !!

पूर्न चांद निकलल!
सर्द चांदनी छिटकल!!

अमृत बर्षा भयल!
आनंद बर्षा भयल!!

महा नृत्य रचल!
रामा महारास मचल!!

सर्वाधिकार @रचनाकाराधीन।
रचनाकार -आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार सीतामढ़ी।

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