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6 Oct 2022 · 1 min read

बर्बादी की दुआ कर गए।

पेश है पूरी ग़ज़ल…

टूटकर अरमान ए दिल बिखर गए है।
अब हम उनसे क्या कुछ कहे जो बेवफा बन गए।।1।।

वो दिल तोड़कर तोहमत भी दे रहे है।
नादा थे हम जो उनके वादे पर अकीदा कर गए।।2।।

मुंतजर हूं शायद वो वापस आ जाए।
वफा करने की हमें जो अपनी झूठी जुबां दे गए।।3।।

अश्क ना आए लब भी ना मुस्कुराए।
खुशियों के समन्दर को गमों का सेहरा कर गए।।4।।

सब छोड़ के आए थे पहलू में उनके।
वादा था हंसाने का पर वो हमको रुला कर गए।।5।।

कोशिशें हमने बड़ी की रिश्ता ना टूटे।
पर एक वो है खुदा से बर्बादी की दुआ कर गए।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

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