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28 Sep 2022 · 1 min read

एक टीस रह गई मन में

भगतसिंह,
अगर तुम
कुछ और साल
ज़िंदा रह जाते
तो जातिवाद,
सांप्रदायिकता,
और पोंगापंथ जैसी
इस देश की
जाने कितनी लानतें
यहां से
दूर हो गई होतीं!
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