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15 Aug 2022 · 1 min read

तिरंगा

है नमन तुमको की तुम हो
देश का सम्मान मेरे
है नमन तुमको की तुमसे
देश का अभिमान मेरे

1.
तुम तो रंगो से भरे हो
तुम तो धर्मों से परे हो
तुम मेरे अपनो से आगे
तुम मेरे सपनों से आगे

तुम हो कारण की बचे हैं
जो भी है आमान मेरे
तुम हो की अब यूं सरल हैं
ये सभी अरमान मेरे
है नमन तुमको की तुम हो….

2.
नाम उनका क्या रहेगा
जो परे तुमसे रहेगा
तुमको क्या नीचा करेंगे
दांत बस मीचा करेंगे

तुमको क्या समझे समझना
क्या ही हैं दीवान मेरे
बढ़ रहा हूं बढ़ रहे हैं
हैं कदम पाषाण मेरे

है नमन तुमको की तुम हो…

3.
तुम मेरे अंबर धरा हो
तुम प्रथम अन्तिम ज्वरा हो
तुम बनाओ कर्म सीढ़ी
तुम मिटाओ धर्म पीढ़ी

तुमसे होकर ही गुजरते हैं
सभी अभियान मेरे
तुम हो कारण भी कि ये
जो हो रहे अंजाम मेरे

है नमन तुमको की तुम हो
देश का सम्मान मेरे
है नमन तुमको की तुमसे
देश का अभिमान मेरे

-मोहन

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