Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
30 Jul 2022 · 1 min read

तुम हमें तन्हा कर गए

तुम ठुकरा कर मेरे प्यार को क्या गए,
हमें हमारी जिन्दगी मे तन्हा कर गए।

दिल के टुकड़े- टुकड़े करके उसे बिखरा गए
आँखो मे एक दर्द भरा आँसु छोड़ गए।

सोचा था हमने भी तुम्हारी यादो को
दिल से हमेशा के लिए निकाल दूंगी।

पर क्या करे हम तुम्हारे जैसा बन नही पाएँ
याद तेरा हम अपने जहन से निकाल नही पाएँ।

जब भी होती थी कभी दरवाजे पर कोई आहट
हमें लगता था हर समय जैसे की तुम ही आए।

नंगे पाँव भागकर जाती थी मैं दरवाजे पर
कही तुम्हें ज्यादा इंतजार नही करना पर जाएं।

रात-दिन कैसे गुजारी है मै तेरे इंतजार मे मैनें
आज भी याद करूँ तो यह रूह काँप जाएं।

कई राते हमने आँखे नही बंद की इस डर से
जो ख्वाब बुने हमने वह कही टूटकर नही बिखर जाएं।

आज भी डर लगता है हमें किसी और अपना बनाने मे
कही फिर कोई मेरा दिल तोड़कर नही चला जाएं।

बड़ी मुश्किल से खुद को समेटा है मैनें
अब पुरानी यादों को कोई मेरे सामने लेकर नही आए।

अब तन्हा ही रहने दो मुझे
कोई अब प्यार के नाम पर मेरे दिल चोट न पहुँचाए।

अब नही है हमें किसी की जरूरत
तन्हाई के साथ अब मुझे सकुन से रहने दिया जाएं।

है पुरानी प्यार की कुछ यादें मेरे जीने के लिए काफी,
मुझे उन यादों के संग तन्हा ही जीने दिया जाएं

अब हमें नही है किसी और की जरूरत
अब हमें जिंदगी के तन्हा सफर में कोई आवाज न लगाएं

अनामिका

Loading...