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4 May 2022 · 1 min read

पिता

उस सृजनहार का माध्यम है तु
शिशुओं का जनक है तु
पोरुष की ताक़त है तु
कर्तव्यों की परिभाषा है तु
जिम्मेदारियों का पर्वत है तु
अपने परिवार की नींव है तु
परिवार की खुशियां चाहने वाला फ़रिश्ता है तु
हर दिन दुखों से लड़ने वाला है तु
अपने को मिटाकर अंकुर को वृक्ष बनाने वाला है तु
अनुभवों का खजाना है तु
अपनों को जोड़ने वाला सेतु है तु
मरकर भी चिर स्मरणीय रहने वाला है तु
इसीलिए पिता है तु

लेखक

प्रदीप कुमार नागरवाल
ग्राम पोस्ट बांसखोह तहसील बस्सी जिला जयपुर

2 Likes · 2 Comments · 389 Views

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