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9 Apr 2022 · 1 min read

प्रयास

जुट जाओ सही प्रयास में,
छोड़ों झूठी, टूटी आस को,
ढूंढो अपनो को तो,
अपनी कमी और खूबी दिख‌ जाएगी।
और इस कमी को दूर करो, दुःख कम हो जाएगी।
खूबी को बढाओगे तो खूशी बढ़ जाएगी।
नया सबेरा लाएगी।
बीत गया जो जीवन उसको ढोना क्या ?
अथक आस में,
छोटी सी प्रयास में,
समझते हुए, सम्हलते हुए चले
कभी डगमगाते‌ हुए अपने हौसलों से,
कभी लड़खाडाते अपने पैरों से,
अपनी ही बोली से,टूट चुके रिश्तों की डोरी में,
खुद से कयास (कल्पना ) लगाते हैं।
अपना सही प्रयास लगाते हैं।
तो मानव नव जीवन पाते हैं। – डॉ. सीमा कुमारी, बिहार
भागलपुर,दिनांक-9-4-022की मौलिक एवं स्वरचित रचना जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 561 Views

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